Saturday, May 1, 2010

मजदूर दिवस पर मेरी कविता पढें यहाँ क्लिक करके

4 comments:

Udan Tashtari said...

जाते हैं लिंक पर...यहीं कविता क्यूँ नहीं लगा दी??? बस, एक जिज्ञासा है जानने की.

Yugal said...

सिर्फ चित्र में दिए हुआ व्यक्ति ही मजदूर नहीं. मजदूर के नाम पर हम सिर्फ कुछ प्रकार के मजदूर ही दिखाते हैं जबकि हम सब मजदूर हैं, मैं भी एक मजदूर हूँ, अभी टिप्पणियां करने की मजदूरी कर रहा हूँ, और इसका पारिश्रमिक जानता हूँ

honesty project democracy said...

जब मजदूरों की रोटी ये भूखे नंगे नेता और मंत्री खायेंगे तो मजदूरों का यही हाल होगा / जिस देश में निगरानी ,जाँच,कार्यवाही और दोषियों पे न्यायसंगत सजा का प्रावधान की व्यवस्था, पूरी तरह सड़ चुकी हो ,वहाँ अब सिर्फ इमानदार लोगों को देश भर से चुनकर और एकजुट कर , हर सरकारी खर्चों और घोटालों की जाँच में लगाकर ही , इस देश और समाज को बचाया जा सकता है / अच्छी वैचारिक उम्दा रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

mukta mandla said...

ब्लाग पर आना सार्थक हुआ
काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति
आपको दिल से बधाई
ये सृजन यूँ ही चलता रहे
साधुवाद...पुनः साधुवाद
satguru-satykikhoj.blogspot.com

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