Tuesday, August 4, 2009
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कुछ रिश्ते उधार के होते हैं
कुछ रिश्ते प्यार के होते हैं

इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं

नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं

बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं

33 comments:

M VERMA said...

इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं
बहुत खूबसूरत अल्फाज़
बेहतरीन गज़ल

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया गज़ल है बधाई।

ओम आर्य said...

बहुत खुब बिल्कुल सही कहा आपने......

mehek said...

इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं
rishton ki sachhai ahi hai,bahut sunder

समयचक्र said...

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं

नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते

बहुत ही भावपूर्ण गजल प्रस्तुति के लिए बधाई

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

आनंद आ गया....
कुछ रिश्ते इकरार के होते हैं
कुछ रिश्ते इन्कार के होते हैं
यार! टाइम पास मत कर
ये रिश्ते बेकार के होते हैं

देखिये हम भी गज़ल लिखने लगे भले उसमें वजन हो न हो लेकिन धीरे धीरे समय के साथ मोटी हो जाएंगी ये लाइने तो वजन भी आ जाएगा।
शुभकामनाएं अच्छॆ भाव हैं

MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर said...

सुन्दर शब्द सजृना

आभार/ मगल भावनाऐ
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
SELECTION & COLLECTION

Neeraj Kumar said...

कुछ रिश्ते उधार के होते हैं
कुछ रिश्ते प्यार के होते हैं


बहुत ही सुन्दर और वास्तविक भावः वाली एक सच्ची रचना...ग़ज़ल...

श्यामल सुमन said...

खूबसूरत रचना। खुशी हुई आपकी रचना को पढ़कर। देवी नागरानी जी की पंक्तियाँ हैं कि-

बाजार बन गए हैं चाहत, वफा, मुहब्बत
रिशते तमाम आखिर सिक्कों में ढ़ल रहे हैं

और बड़े भाई रघुनाथ प्रसाद जी कहते हैं कि-

प्यार वफा का नाजुक रिश्ता तौल रहे हो सिक्कों से
फर्क कहाँ बोलो जानेमन आशिक और व्यापारी में

आप इसी तरह लिखतीं रहें - मेरी शुभकामना।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Naina said...

bahut hi sundar...

अविनाश वाचस्पति said...

जो रिश्‍ते तार के होते हैं
वे करंट खूब छोड़ते हैं
तार से अच्‍छे रिश्‍ते
बेतार के होते हैं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

खूबसूरत अशआरों के लिए
मुबारकवाद।

अर्चना तिवारी said...

बेहतरीन गज़ल

Udan Tashtari said...

नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं

-वाह! बेहतरीन!!

Shruti said...

बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं....

ek sach
aur ek dil ko chhoo lene wali rachna.


--Sheena

Razi Shahab said...

बहुत बढिया गज़ल है बधाई।

दिगम्बर नासवा said...

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं

पूरी ग़ज़ल में लाजवाब शेर हैं........ पर ये शेर पढ़ कर सुभान अल्ला ............... दिल में उतर गया सीधे

vikram7 said...

इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं
अति सुन्दर

हरकीरत ' हीर' said...

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं

बहुत खूब.....!!

Arshia Ali said...

Jeevan ka aaina dikhatee rachnaa.
{ Treasurer-T & S }

Prem Farukhabadi said...

नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं

बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं

bahut achchhe lage apki rachna ke bhav .badhai!!

समयचक्र said...

सुन्दर रचना बधाई

गणेश उत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामना

vishnu-luvingheart said...

sach kaha....rishton ko samjahne ke liye sari umra kam hai...

Randhir Singh Suman said...

good

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं
bahut sahi kaha hai apne.........

शरद कोकास said...

रिश्तों का यह फलसफा अच्छा लगा ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

Rishton ko sahi tarah se samjhaaya hai.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Dr. Amarjeet Kaunke said...

bahut parbhavit karne vali ghazal...mubark
.............dr.amarjeet kaunke

Unknown said...

raziaji
bahut hi umda
aapki gazal behad achi lagi ...
टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं
wah
etni berukhi achi nahi ki kuch riste tar ke hote hai....bahut acha
ID mubarak

के सी said...

कुछ रिश्ते उधार के होते हैं
कुछ रिश्ते प्यार के होते हैं
बहुत सुंदर !!!

KAVITA said...

टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं
Bahut khoob likha aaapne. Badhai

देवेन्द्र पाण्डेय said...

खूबसूरत गज़ल
सभी शेर एक से बढ़कर एक
वाह!

kshama said...

बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं
Harek pankti nayab hai!

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