Tuesday, August 4, 2009
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कुछ रिश्ते उधार के होते हैं
कुछ रिश्ते प्यार के होते हैं
इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं
टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं
नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं
बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं
कुछ रिश्ते प्यार के होते हैं
इतनी बेरूखी अच्छी नहीं है
कुछ रिश्ते इंतज़ार के होते हैं
टूट जाते हैं पल में देखो तो
कुछ रिश्ते तार के होते हैं
नाज़ुक फूल, कब उफ किया!
कुछ रिश्ते खा़र के होते हैं
बिक गये पर इतनी हैरानी क्यूँ
कुछ रिश्ते व्यापार के होते हैं
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ग़ज़ल
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